PODDAR COMMERCE INSTITUTE
Friday, 22 April 2016
PSES Word of the Day
Thursday, 21 April 2016
Sunday, 17 April 2016
P.S.E.S
P.S.E.S. GYAN
ऐसी उत्तम और विराट तथा बारीक़ से
बारीक़ काल गणना हमारे सनातन
शास्त्रों के अतिरिक्त कहीं नहीं है |
आइये कुछ नया जानें :
क्रति = सैकन्ड का 34000वाँ भाग
1 त्रुति = सैकन्ड का 300वाँ भाग
2 त्रुति = 1 लव
1 लव = 1 क्षण
30 क्षण = 1 विपल
60 विपल = 1 पल
60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट )
2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा)
24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार)
7 दिवस = 1 सप्ताह
4 सप्ताह = 1 माह
2 माह = 1 ऋतु
6 ऋतु = 1 वर्ष
100 वर्ष = 1 शताब्दी
10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी
432 सहस्राब्दी = 1 युग
2 युग = 1 द्वापर युग
3 युग = 1 त्रेता युग
4 युग = सतयुग
1 महायुग = सतयुग + त्रेतायुग +
द्वापरयुग + कलियुग
76 महायुग = मनवन्तर
1000 महायुग = 1 कल्प
1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर
जीवन अन्त और फिर आरम्भ)
1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प (देवों का
अन्त और जन्म)
1 महाकाल = 730 कल्प
(ब्रह्मा का अन्त और जन्म)
तनिक ध्यान दीजिये।
हमारी परम्पराओं के पीछे कितना गहन
विज्ञान छिपा हुआ है।
ये इस देश का दुर्भाग्य है कि हमारी
परम्पराओं को समझने के लिए जिस
विज्ञान की आवश्यकता है वो हमें पढ़ाया
नहीं जाता और विज्ञान के नाम पर जो
हमें पढ़ाया जा रहा है उस से हम अपनी
परम्पराओं को समझ नहीं सकते |
विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय
गणना तन्त्र यही है।
जो हमारे देश भारत में बना।
ये हमारा भारत है जिस पर हमको गर्व
है।